यदि तुम वर में होतीं,
तो बनके साधक,
करके तप कठोर,
मांग लेता विधि से तुम्हें मैं।
होतीं पुष्प में यदि तुम,
सुरभित कुसुमित सुगन्ध सी
तो बन मकरन्द,
समा लेता स्वयं में तुम्हें मैं।
होतीं यदि तुम नीर में
चंचल, अविरल, तरंग सी
तो बन सिंधु अगाध
भर लेता आलिंगन में तुम्हें मैं।
होतीं तुम वायु में यदि,
शीतल, निर्मल प्राण सी,
तो भरके गहरी एक स्वांस,
फिर दूसरी न लेता कभी मैं।
बहुत ढूंढा मैंने तुमको,
प्रकाश के अपसार में,
तिमिर के अभिसार में,
संसार के विस्तार में,
पर तुम मिलीं मुझको
काव्य में, अनुराग में, बैराग में,
तो लगा हूँ सहेजने को तुम्हें मैं,
गीत में, प्रीति में, रस रीति में।
Thursday, January 13, 2022
Saturday, February 15, 2020
Thursday, August 11, 2016
अभिलाषा
मेरी जीवन आशा हो तुम
तुम मेरी अभिलाषा हो।
मेरे सुख का सार तुम्ही हो
जीवन का आधार तुम्ही हो
मेरे मन को उज्ज्वल कर दे
ऐसी निर्मल धारा हो
तुम मेरी अभिलाषा हो।
मेरा हर सुख
मेरी सारी खुशियाँ
मेरा हर पल
मेरी सारी दुनियां
इन सब की तुम ही परिभाषा हो
तुम मेरी अभिलाषा हो
कितने कॊमल रिश्ते
कितने ही सम्बन्धों को गड़ती
तुम मानवता की अद्भुत भाषा हो ।।
Sunday, January 24, 2016
LIFE IS ALL ABOUT TEMPTATION
LIFE IS NOT SO EASY AS IT SEEMS:
ALL OF THEM DON'T COME TRUE WHAT ONE DREAMS
LIFE I
TO GET ACROSS OF IT,
YOU HAVE TO GIVE ,
GREATER THAN YOUR GREATEST.
LIFE I
TO GET ACROSS OF IT,
YOU HAVE TO GIVE ,
GREATER THAN YOUR GREATEST.
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