Wednesday, April 14, 2010

कौन हूँ मैं?


कौन हूँ मैं कौन हूँ?

अधखिला प्रसून हूँ,

ढूंढता सुकून हूँ,

कभी दर्द हूँ ;कभी आह हूँ,

भटके हुए की राह हूँ,

किसी सुंदरी की चाह हूँ,

किसी ह्रदय का जुनून हूँ,

कौन हूँ मैं कौन हूँ?

कभी वायु सा निशंकु हूँ,

कभी अचर अचल स्तम्भ हूँ,

किसी विटप की छांव हूँ,

किसी बेघर का गाँव हूँ,

कभी दर्द का सैलाव हूँ,

नदी हूँ या पवन हूँ मैं,

या की पुष्प की सुगंध हूँ,

बेचैन मन का चैन हूँ,

कौन हूँ मैं कौन हूँ?

किसी रात्रि का मयंक हूँ,

सागर का प्रलयंक हूँ,

किसी विजय का हार हूँ,

या की ग़म हूँ किसी हर का,

साक्षी हूँ श्रस्ती के विस्तार का,

नीरस की मैं आस हूँ,

द्योतक मैं विकास का,

भविष्य से अनजान हूँ,

श्रेष्टतम की संतान हूँ,

पुरुष हूँ मैं मनुष्य हूँ,

पर अभी सुसुप्त हूँ,

अज्ञानता में लुप्त हूँ॥




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